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राजस्थान

सतगुरु दरबार साधपुरा

सतगुरु दरबार साधपुरा राजस्थान राज्य के जिला-करौली को तहसील-टोडाभीम से लगभग 8 कि.मी. की दूरी पर टोडाभीम-गंगापुर जाने वाली सड़क पर गाँव साधपुरा में अरावली पर्वत की तलहटी में अत्यन्त सुन्दर व मनमोहक स्थान है।

 यह संतों का बड़ा ही प्राचीन पवित्र तपोस्थान है। सतगुरु दरबार सैकड़ों वर्षों से साधों के कल्याण के लिये ग्यान अमृत की वर्षा कर रहा है।

सतगुरु बाबा उमेश दास जी साहिब ने सन् 1994 से सतगुरु दरबार का जोनोंधार का भार सम्भाला और सतगुरु दरबार को वृहद रूप देने का कार्य आज भी अग्रसर है। बाबाजी साहिब का प्रकाश अनेकों राज्यों तक फैला हुआ है और बाबाजी साहिब के दर्शन हेतु हजारों की संख्या में आये साध-बाई बड़े सकून के साथ दरबार में विश्राम करते हैं हर प्रकार की व्यवस्था साधों हेतु सतगुरु बाबा उमेश दास जी साहिब के अथक प्रयास, परिश्रम व लगन का परिणाम है।

सतगुरू दरबार साधपुरा एक विशिष्ट स्थान है जहाँ सतगुरू साहिब ने प्रकाश लिया और अंतरध्यान हुये। यह स्थान सतलोक का मुहाना है इसलिये इस गुरू स्थान पर विराजमान साधारण मानव नहीं बल्कि उनको बाबाजी साहिब ने साधों को चिताने हेतु हो इस पृथ्वी पर अवतरित किया है उनका पाँच तत्व और तीन गुणों का चोला दिखावे मात्र के लिए ही होता है इस चोले के द्वारा बाबा जी साहिब ही लीला करते रहते हैं। जो विश्वास करते हैं निष्ठापूर्वक गुरू के चरणों में चित लगाते हैं वे आवागमन रहित हो जाते हैं। सतगुरु बाबा जी साहिब ने अपने साधों की कष्टों से रक्षा ही नहीं की वरन् उन्हें अपने स्नेह रूपी आशीर्वाद की छाया में रखा।

बाबाजी साहिब का प्रकाश दूर-दूर तक प्रकाशित हो रहा था। बाबाजी साहिब ने दर्शन हेतु आये साध-बाईयों के कष्ट दूर करने के साथ-साथ जनकल्याण हेतु अनेकों परचे दिये। बहुत सी किवदन्तियाँ हैं। एक समय की बात है जब बाबा मनसा दास जी गुरू स्थान पर आसीन थे। आश्रम से लगभग 60 कि.मी. की दूरी पर करौली रियासत में कई वर्षों से सूखा पड़ रहा था। प्रजा पानी के लिए तरस रहीं थी और पशु-पक्षी प्यासे मर रहे थे जबकि बाबा जी साहिब के आश्रम में चारों ओर हरियाली छायी थी।  करौली का राजा कैला देवी का अनन्य भक्त था राजा ने तन, मन, धन से कैला देवी की आराधना की ओर देवी को प्रगट होना पड़ा। राजा ने देवी से सारा वृतान्त कह सुनाया। देवी ने तीन दिन पश्चात् पुनः प्रगट होकर बताया कि अगले तीन दिन में वर्षा होगी। राजा सन्तुष्ट तो हुआ परन्तु यह शंका उसके हृदय में उठने लगी कि देवी सर्वसामर्थ है फिर तीन दिन का समय क्यों माँगा जब उससे ना रहा गया तो उसने देवी से पूछा कि हे माँ यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो बताइये कि आपने तीन दिन का समय क्यों माँगा तब देवी ने उन्हें बताया कि हे राजन तुम मुझे सर्व सामर्थवान समझते हो, परन्तु यह पूर्ण सत्य नहीं है सर्व शक्तिमान तो केवल अवगत् महरवान ही है। चाँद, सूरज, देवी, देवता यहाँ तक कि त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी जिनकी उपासना करते हैं और उनकी ही आज्ञा का पालन करते हैं उनको प्रगट करना मेरी सामर्थ से बाहर है। हाँ, यहाँ से कुछ दूरी पर साधपुरा नामक एक ग्राम है जहाँ पर अवगत् महरवान के इच्छा रूपी चेले ने भारी तप किया था, उसी तपोस्थली में एक गुरूद्वारा है उस गुरू स्थान पर विराजमान गुरू में सतगुरु बाबा जी साहिब की शक्ति का समावेश है वे पूर्ण सामर्थवान हैं तुम्हारी समस्या का समाधान जानने के लिए मैं उन्हीं के पास गई थी। इसके लिए ही मैंने तीन दिन का समय माँगा था और बाबा साहिब जी से अरदास की थी कि हे सतगुरु बाबा मेरे भक्त की प्रजा अकाल के कारण पानी के लिए तड़फ रही है। अतः दया करके राज्य में वर्षा करने का आदेश दें “कहते हैं कि तीन दिन के बाद असमय ही उस राज्य में अत्याधिक वर्षा हुई।”

साधपुरा गुरुदरबार “सतनामी सबलापंथ सतगुरु साध बाबा नितानंद साहिब दरबार” है यह अत्यंत पवित्र व पावन स्थान है। यह स्थान अगम मार्ग है, सबद धाम है। संत पंथ का ठिकाना है। इस स्थान की महिमा अपरम्पार है। इस स्थान की महिमा के बारे में भगवान श्री शंकर जी ने देवी पारवती से इस प्रकार वर्णन किया-

वह स्थान जो सतगुरु के श्री चरणों से धन्य हुआ, वह स्थान जहाँ बाबा जी के पधारने पर चारों ओर हरियाली छा गई हो तथा प्रकृति ने सौन्दर्य बिखेर कर बाबा जी का स्वागत किया है। यह सब होना पूर्व नियोजित विधान ही है। साधपुरा स्थान इतना पवित्र और मोक्षदायक है कि लगभग दस हजार वर्ष पूर्व श्री शंकर भगवान ने देवी पार्वती को इस स्थान की महिमा बताई थी-

एक समय शंकर और गौरा। चले जात मारग बड़ मोरा।। शंकर बड़ी दंडवत कीना। पार्वती मनभया मलीना।।

Events

आयोजन

 
जय साध बाबा ।। सभी साध संगत को सत साहिब

ॐ सत अवगत

सतगुरु दरबार राजस्थान राज्य के जिला-करौली की तहसील-टोडाभीम से लगभग 8 कि.मी. की दूरी पर टोडाभीम-गंगापुर जाने वाली सड़क पर गाँव साधपुरा में अरावली पर्वत की तलहटी में अत्यन्त सुन्दर व मनमोहक स्थान है।

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सतगुरु दरबार राजस्थान राज्य के जिला-करौली की तहसील-टोडाभीम से लगभग 8 कि.मी. की दूरी पर टोडाभीम-गंगापुर जाने वाली सड़क पर गाँव साधपुरा में अरावली पर्वत की तलहटी में अत्यन्त सुन्दर व मनमोहक स्थान है।

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