संत दरश को चालिए, तज माया अभिमान। ज्यो ज्यो पग आगे धरें, कोटिन यज्ञ समान।।
सतगुरु बाबा उमेशदास जी साहिब
सतगुरु बाबा रामकिशन जी साहिब के उपरांत पं. श्री रामजी लाल साध जी के यहाँ, सम्बत 2027 मास भाद्रपद, दिन गणेश चौथ (5 सितम्बर सन् 1970) को माता कमला देवी के गर्भ से अवतरित सतगुरु उमेश दास जी साहिब के रूप में 9 सितम्बर 1984 (सं. 2041) को साधपुरा गद्दी पर साध चिताने व उनके कल्याण के लिये आसीन हुये। सतगुरु बाबा उमेश दास जी साहिब साक्षात् परमानन्द हैं जो स्वयं सच्चिदानर स्वरूप है, आनन्द के विग्रह है और मूर्तिमान आनन्द हैं। जिनके सानिध्य मात्र से जीव आत्मा चिदानन्द, चिन्मय और परमानन्द स्वरूप हो जाता है। उन परम आराध्य सतगुरु बाबा उमेश दास जी साहिब के चरणों की बार-बार वन्दना।
विश्व सतनामी साध संगत सतगुरु दरबार साधपुरा (राजस्थान)
सतगुरु दरबार साधपुरा राजस्थान राज्य के जिला-करौली को तहसील-टोडाभीम से लगभग 8 कि.मी. की दूरी पर टोडाभीम-गंगापुर जाने वाली सड़क पर गाँव साधपुरा में अरावली पर्वत की तलहटी में अत्यन्त सुन्दर व मनमोहक स्थान है। यह संतों का बड़ा ही प्राचीन पवित्र तपोस्थान है। सतगुरु दरबार सैकड़ों वर्षों से साधों के कल्याण के लिये ग्यान अमृत की वर्षा कर रहा है।
सतगुरु बाबा उमेश दास जी साहिब ने सन् 1994 से सतगुरु दरबार का जोनोंधार का भार सम्भाला और सतगुरु दरबार को वृहद रूप देने का कार्य आज भी अग्रसर है। बाबाजी साहिब का प्रकाश अनेकों राज्यों तक फैला हुआ है और बाबाजी साहिब के दर्शन हेतु हजारों की संख्या में आये साध-बाई बड़े सकून के साथ दरबार में विश्राम करते हैं हर प्रकार की व्यवस्था साधों हेतु सतगुरु बाबा उमेश दास जी साहिब के अथक प्रयास, परिश्रम व लगन का परिणाम है।